सीधे खाते में जाएगी सब्सिडी की राहत

अगले लोकसभा चुनाव में वोट बटोरने के लिए यूपीए सरकार ने आम आदमी के खाते में सीधे नकद भुगतान करने का रास्ता चुना है। कैश सब्सिडी ट्रांसफर योजना के जरिए तमाम सरकारी योजनाओं की रकम जरूरतमंदों के खाते में सीधे जाएगी। इसके जरिए बिचौलियों पर लगाम लगाई जा सकेगी। आपका पैसा आपके हाथ के नारे के साथ पेश इस योजना के जरिए लगभग चार लाख करोड़ रुपये की कैश सब्सिडी लोगों के खातों में जाएगी।

कैश सब्सिडी सीधे खाते में पहुंचाने की सरकार की इस स्कीम को कांग्रेस अगले चुनाव के लिए गेम चेंजर भी मान रही है। इसलिए कैश सब्सिडी को सीधे खाते में ट्रांसफर करने की सरकार की योजना के ऐलान के साथ ही कांग्रेस ने योजना को देशभर में भुनाने के लिए बाकायदा अपने सभी जिला कांग्रेस अध्यक्षों का सम्मेलन बुलाने का भी ऐलान कर दिया है। खास बात यह है कि खुद कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी जिलाध्यक्षों के सम्मेलन की अगुवाई करेंगे। एक जनवरी से यह योजना देशभर के 51 जिलों में शुरू होगी, जबकि 2013 के अंत तक यह देशभर में लागू हो जाएगी।

एक जनवरी को पहले चरण में आंध प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, सिक्किम और त्रिपुरा आदि राज्यों के कुछ जिलों में इसे लागू किया जाएगा। जबकि जून, जुलाई 2013 तक उत्तर प्रदेश, बिहार समेत बाकी राज्यों में भी इसे लागू कर दिया जाएगा।

मुंबई हमलों के दोषी आतंकी अजमल कसाब को फांसी के फंदे पर पहुंचाने के बाद कांग्रेस ने कैश सब्सिडी का नया चुनावी तोहफा जनता को सौंप दिया है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम और ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने बाकायदा कांग्रेस मुख्यालय से इसका ढोल पीटने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

रमेश ने कहा कि हमने राजीव गांधी का सपना पूरा कर दिया है। उन्होंने 25 साल पहले कहा था कि सरकार 100 रुपये देती है मगर जनता के पास 15 रुपये ही पहुंचते हैं। मगर अब हमने जनता के हाथों में पूरे 100 रुपये पहुंचाने की योजना बना ली है। कैश सब्सिडी योजना को कांग्रेस ने आपका पैसा आपके हाथ के नारे के साथ पेश किया है।

वहीं, विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार इस योजना के जरिए वोटरों को परोक्ष तौर पर रिश्वत दे रही है। विपक्ष के आरोप के जवाब में चिदंबरम ने कहा कि सरकार आम आदमी का हक उसके हाथ में दे रही है। हर बात को राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है। जयराम ने कहा कि यह महज एक सरकार कार्यक्रम नहीं बल्कि एक क्रांतिकारी और राजनीतिक अभियान है। अब लाभार्थियों को समय पर सब्सिडी का फायदा मिलेगा। पैसा मिलने में देरी नहीं होगी।

:- 16 राज्यों के 51 जिलों में 1 जनवरी से शुरू होगी कैश सब्सिडी ट्रांसफर सुविधा।
:- पूरे देश में अगले साल के अंत तक योजना लागू करने का लक्ष्य।
:- हर साल 10 करोड़ परिवारों को करीब चार लाख करोड़ रुपये की कैश सब्सिडी दी जाएगी।
:- गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले हर परिवार को सालाना 30 हजार रुपये से ज्यादा की धनराशि मिल सकती है।
:- शुरुआत में खाद, उर्वरक और पेट्रोलियम सब्सिडी का नकद भुगतान नहीं होगा, लेकिन बाद में इन्हें भी योजना में शामिल किया जाना है।

कौन सी योजनाएं होंगी दायरे में–
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की 14 छात्रवृत्ति योजनाएं
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की 6
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की 3
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की 2
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की 1
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की 5 योजनाएं

कौन से जिले होंगे दायरे में
आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के पांच-पांच, हिमाचल और झारखंड के चार-चार, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा के तीन-तीन और हरियाणा, केरल और सिक्किम के दो-दो जिले। इन जिलों को इसलिए चुना गया क्योंकि वहां दिसंबर तक 80 फीसदी लाभार्थियों के आधार कार्ड बन जाएंगे।

‘यह योजना गेम चेंजर होगी। कोई इसका गलत फायदा नहीं उठा सकेगा। सरकार आम आदमी का हक उसके हाथ में दे रही है। हर बात को राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है।’
– पी चिदंबरम, वित्त मंत्री

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